हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, करीमा फाउंडेशन की देखरेख में 11 ज़िलक़दा से 20 ज़िलहिज्जा तक एक अकादमिक प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।
पैगंबर (स) ने कहा: "पैगंबर (स) ने फ़रमाया "مَعاشِرَالنّاسِ، أَلا وَ إِنِّی رَسولٌ وَ عَلِی الْإِمامُ وَالْوَصِی مِنْ بَعْدی، وَالْأَئِمَّةُ مِنْ بَعْدِهِ وُلْدُهُ... أَلا إِنَّ خاتَمَ الْأَئِمَةِ مِنَّا الْقائِمَ الْمَهْدِی"۔ हे लोगों! जानिए कि मैं अल्लाह का रसूल हूं और अली (अ) मेरे बाद इमाम और उत्तराधिकारी हैं, और उनके बेटे उनके बाद इमाम हैं, और जानते हैं कि आखिरी इमाम महदी (अ) भी हमारे बीच से होंगे।
उल्लिखित हदीस के आलोक में, ग़दीर दिवस हर युग के इमाम के इमामत की घोषणा करने और उसके प्रति निष्ठा रखने का दिन है। इस दिन का प्रचार करना, इसका सम्मान करना और इसके संदेश को समझना और इसे हर इंसान तक पहुंचाना हम सभी का कर्तव्य है। इस अवसर पर करीमा फाउंडेशन "विलायत का ज्ञान" शीर्षक के तहत 40 दिनों तक कक्षाओं और पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। जिसमें प्रतिभागियों में से चयनित लोगों को उचित इनाम देकर सम्मानित किया जाएगा।
करीमा फाउंडेशन की निदेशक सुश्री सैयदा नाहन नकवी के अनुसार, इस प्रतियोगिता का मुख्य विषय "इमाम अली (अ.स.) की इमामत और विलायत की महानता" है। "ग़दीर उपदेश के प्रकाश में हज़रत इमाम महदी एजे" और "ग़दीर संदेश"। इस शैक्षणिक प्रतियोगिता के लिए करीमा फाउंडेशन के शुभचिंतकों और भाइयों के व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रतिदिन कक्षाएं भेजी जाएंगी। जो लोग भाग लेना चाहते हैं वे (009300372504 और 009011535843) पर संदेश भेज सकते हैं।
इस शैक्षणिक प्रतियोगिता में छोटे बच्चे और युवा भी भाग लेंगे, जिनके लिए ग़दीर, इमामते, शिया इमाम, इमामते से संबंधित आयतों और हदीसों, घटनाओं, कहानियों, प्रार्थनाओं और कविताओं वाली एक वीडियो क्लिप भेजने का निर्णय लिया गया है। ईद-उल-गदीर के अवसर पर इस ज्ञान प्रतियोगिता की परीक्षा "मारीफ विलायत" शीर्षक से आयोजित की जाएगी और चयनित व्यक्तियों को उपयुक्त पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।